एसआरडी फाउंडेशन की स्थापना 26 सितंबर 2021 को फाउंडर श्री मिट्ठून लाल बंसल के द्वारा इस विचार से प्रेरणा लेते हुए की थी कि प्रत्येक व्यक्ति को इस ग्रह को छोड़ने से पहले इसे और अधिक सुंदर एवं भावी पीढ़ियों के लिए आरामदायक एवं सुरक्षित बनाने में अपना छोटा सा ही सही योगदान अवश्य करना चाहिए l मानव जाति के साथ-साथ पेड़-पौधे,पशु-पक्षी एवं अन्य विभिन्न प्रजातियां इस ग्रह के आभूषण है इन्हें सुरक्षित रूप से आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करना हम सब का कर्तव्य है l
यह एक सु-स्थापित तथ्य है कि लोगों को प्रेरित करने हेतु भावनात्मक तरीके ज्यादा प्रभावी होते हैं l फाउंडेशन की भी यही मान्यता है कि किस प्रकार लोगों को अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ,सुंदर,हरित बनाने,पशु-पक्षियों एवं अन्य जीवित प्राणियों के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु भावनात्मक तरीकों का प्रयोग किया जाए ताकि लोग स्थाई रूप से जुड़े रहकर हमारे इस पृथ्वी ग्रह को सुंदर बनाने में अपना सर्वोत्तम योगदान कर सके
पर्यावरण संरक्षण,पृथ्वी ग्रह को हरा-भरा बनाने एवं मूक-निरीह प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न करने हेतु ज्यादा से ज्यादा लोगों में भावनात्मक जुड़ाव पैदा करना l
फाउंडेशन द्वारा अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम “एक पेड़ अपनों के नाम” के अंतर्गत जयपुर शहर में स्वैच्छिक रूप से जुड़े मोक्षधामों के स्वयंसेवकों के माध्यम से लोगों से अपने दिवंगत परिजनों की स्मृति में वृक्षारोपण हेतु संकल्प पत्र भराये जाकर पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य किया जा रहा है l संकल्प पत्र में न्यूनतम एक एवं अधिकतम कितने भी पेड़ भरे जा सकते हैं l फाउंडेशन द्वारा समाज के कमजोर वर्गों,मूक-निरीह पशु-पक्षियों एवं अन्य प्राणियों के लिए भी कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है l
इस अभियान के अंतर्गत जयपुर शहर के मोक्षधामों के सहयोग से दिवंगत परिजनों की याद में पेड़ लगाने हेतु “ प्रियजन स्मृति वृक्षारोपण संकल्प पत्र “ भराये जाते हैं....
फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष गर्मियों के मौसम में पार्को, मंदिरों, शमशानो,सडक किनारों एवं अन्य स्थानों पर मूक एवं बेजुबान पक्षियों की प्यास बुझाने हेतु परिंडे लगाए जाकर...
इस कार्यक्रम के अंतर्गत फाउंडेशन के द्वारा नियमित रूप से गर्मियों के सीजन में पानी की तलाश में भटकते बेजुबानों के लिए चिन्हित स्थानों पर पानी की ....
फाउंडेशन की प्रेरणा स्रोत स्वर्गीय श्रीमती रामपति देवी की पुण्य तिथि पर प्रतिवर्ष सर्दियों के मौसम में मेहनतकश जरुरतमंदो को अच्छी गुणवत्ता...
परिण्डे
बेजुबान पक्षियों की बुझी प्यास
मुक्ति धाम
रखरखाव की जिम्मेदारी
पेड़
हवा हो रही शुद्ध